बासागुड़ा क्षेत्र में बढ़ रहा मलेरिया का प्रकोप, स्वास्थ्य अमला बेखबर, न स्वास्थ्य कैंप न शिविर लगाये जा रहे हैं
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बीजापुर। आश्रम में रहकर पढ़ने वाले मासूम मलेरिया के गिरफ्त में आ गया, रहरह कर पीड़ित को झटका आने लगा हैं जिसे उपचार के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में दाखिल कराया गया हैं, 8 दिनों में बासागुड़ा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में ही खून जांच में 117 मरीज मलेरिया से पीड़ित पाये गये, इससे जिले की स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता साफ दिखाई दे रहीं हैं।
मानसून सत्र शुरू होते ही मलेरिया औऱ डायरिया जैसी बीमारियों के बढ़ने का खतरा अधिक रहता है ख़ासकर ग्रामीण क्षेत्र में, लोगों को जागरूक करने स्वास्थ्य विभाग द्वारा विशेष जागरूक अभियान चलाया जाना है, लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि मानो यह सब बैनर पोस्टर में ही सीमट कर रह गया है, बीजापुर स्वास्थ्य विभाग मलेरिया औऱ डायरिया जैसे मौसमी बीमारियो को लेकर गंभीर नहीं है यही वजह है कि आवापल्ली उसूर ब्लॉक में बुखार सिर दर्द से पीड़ित मरीजों का स्वास्थ्य केंद्रों में हुजूम लग रहा है, जहां उपचार की व्यवस्थाएं खुद दम तोड़ती हुई नजर आ रही है। बासागुडा स्वास्थ्य केंद्र के ओपीडी में केवल एक ही डॉक्टर के हवाले उपचार की जिम्मेदारी हैं। लगातार बुखार से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ रहीं हैं इनमें से खून जांच के बाद 10 से अधिक मरीज मलेरिया के गिरफ्त में हैं निरंतर ही यह आकड़ा बढ़ रह हैं।
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आज स्वदेश ज्योति की टीम बासागुड़ा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंची , वार्ड के बिस्तर में पुस्बाका बालक आश्रम में रहकर पढ़ने वाला एक 10 वर्षीय मासूम शम्भु कुंजाम पिता मंगू कुंजाम को अचानक झटका आने लगा, इलाज कराने उसे साथ लेकर आये हुए आश्रम के कर्मचारी वेंकट कड़ती नें बताया की उसे कुछ दिनों से तेज ठंड लगने के साथ बुखार आ रहा था खून जांच के बाद रिपोर्ट में मलेरिया होने की पुष्टि हुई, वहीं जब स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर से पूछने पर कहा की दवाई इंजेक्शन की वजह से ऐसा रहा हैं
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मानसून को देखते हुई स्वास्थ्य विभाग द्वारा मच्छरों के प्रजनन को नियंत्रित करनें घरों में दवा का छिड़काव करना,मच्छरदानी का वितरण किया जाने की योजना हैं मगर यह सारी योजनाएं धरातल में समा गई हैं क्यों की जमीनी स्तर पर अब नज़र नहीं आ रहा हैं, जबकी ग्रामीण क्षेत्र में जहां स्वास्थ्य केंद्र नहीं है वहां स्वास्थ्य शिविर लगाकर ग्रामीणों का जांच किया जाना है किंतु स्वास्थ्य अमला साप्ताहिक बाजार में औपचारिक जांच कर अपनी जिम्मेदारियां से बरी हो रहे हैं
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