किसी नेता के परिवार की महिला के साथ होता तो, अभीतक अधिकारियों की कुर्सी खिसक जाती
बीजापुर। नसबन्दी में लापरवाही बरतने वाले डॉक्टर के खिलाफ अबतक क़ोई एक्शन नहीं, औऱ न ही पीड़िता का उपचार कराने स्वास्थ्य विभाग आगे आ रहा है, महिला की बिगड़ते स्वास्थ्य को देखने हुए पति कर्ज लेकर इलाज कराने दूसरे राज्य के निजी हॉस्पिटल में उपचार करा रहा है।
बीजापुर जिले में स्वास्थ्य सुविधाओ का हाल अंधेर नगरी चौपट राजा की तर्ज पर है ज्ञात हो कि मातृत्व शिशु हॉस्पिटल उमंग में गाइनेकोलॉजिस्ट डॉ. सचिन पापड़ीकर द्वारा लापरवाही पूर्व नसबन्दी ऑपरेशन करने के बाद माहिला कि जान जोखिम में पड़ गईं है। मामला उजागर नहीं होने के पहले अपनी गलतियों पर पर्दा डालने सीएमओ एवं सिविल सर्जन मातहत डॉक्टर को बचाने, महिला का पूरा इलाज कराने का प्रलोभन देते रहे। जैसे ही डॉक्टर की लापरवाही उजागर होने के बाद अब चुप्पी साध रखे है। डॉक्टर के ऑपरेशन के बाद घाव नहीं सूखने औऱ लगातार खून निकलने से जिला अस्पताल में पुनः दिखाया गया, जहां पुराने लगे हुए टाँके के नीचले हिस्से में दुबारा टाका लगाया। महिला के लिए नसबन्दी कराना उसकी जान की आफत बन गई है क्योंकि ऑपरेशन हुआ उतना हिस्सा अब गलने लगा है जिस वजह से अपने आप टांके का सिलाई उधड़ने लगा है।
पीड़िता ने 4 फ़रवरी 2025 को उक्त लापरवाह डॉक्टर के खिलाफ कलेक्टर संबित मिश्रा से लिखित शिकायत देकर कार्रवाई करने की मांग थी जिन्हे कलेक्टर बकायदा जांच कर कार्रवाई का आश्वासन दिया था बावजूद कलेक्टर ने इस गंभीर मामले को गंभीरता से नहीं लिया,इसकी वजह वही बेहतर समझ सकते है, परन्तु यथा स्तिथि यह है महिला की बिगड़ते स्वास्थ्य को देखते हुए पति कर्ज लेकर तेलंगाना राज्य के निजी हॉस्पिटल में इलाज कराने मजबूर है औऱ अधिकारी चुप्पी साध अपनी बला टली समझ रहे है