बच्चे स्वयं से सीखेंगे,शिक्षक केवल मार्गदर्शक की भूमिका में रहेंगे

नई शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप शिक्षा में कई बदलाव किये

बीजापुर / भोपाल पटनम । बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान (FLN) पर आधारित विकासखण्ड स्तरीय 04 दिवसीय प्रशिक्षण का समापन आज डीएव्ही उल्लूर भोपालपटनम एवं स्वामी आत्मानंद स्कूल संगमपल्ली में किया गया।

राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT) के निर्देशानुसार कक्षा 01 से कक्षा 03 तक अध्यापन करने वाले शिक्षकों को दिनांक 19. 06.2024 से दिनांक 22.06.2024 तक एफएलएन प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण हेतु तीन जोन बनाए गये। जोन 01 एवं जोन 02 के शिक्षकों का प्रशिक्षण डीएव्ही स्कूल उल्लूर भोपालपटनम के कक्ष क्रमांक 01 एवं 02 में तथा जोन 03 के शिक्षकों का प्रशिक्षण स्वामी आत्मानंद स्कूल संगमपल्ली में आयोजित किया गया। प्रत्येक जोन में शिक्षकों की संख्या 60-60 निर्धारित की गई थी। किन्तु कुछ शिक्षकों ने अपनी स्वेच्छा से इस प्रशिक्षण में अपनी उपस्थिति दी। जिससे शिक्षकों की उपस्थिति प्रत्येक जोन में 70 से अधिक रही। इस प्रशिक्षण के मास्टर ट्रेनर सह डीआरजी अरब खान ने बताया कि एफएलएन में भाषा शिक्षण एवं गणित शिक्षण के चार ब्लाक पद्धति, स्कूल रेडीनेस कार्यक्रम् पुस्तकालय, जादुई पिटारा, बहुभाषा के साथ-साथ नई शिक्षा नीति 2020, राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा 2022 बुनियादी स्तर एवं नवाजतन पर विस्तृत रूप से शिक्षकों को पीपीटी के माध्यम से, गतिविधियों तथा सामुहिक चर्चा के माध्यम से समझाया गया। इस शिक्षण सत्र 2024-25 में एससीईआरटी के द्वारा तैयार शिक्षक संदर्शिका, अभ्यास पुस्तिका एवं पाठ्‌यपुस्तक पर विशेष रूप से कार्य करने पर अधिक जोर दिया जा रहा है। नई शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप शिक्षा में कई बदलाव किये जा रहे हैं । जिसके लिये शिक्षकों को समय-समय पर अपडेट होने की आवश्यकता है। शिक्षकों को परंपरागत शिक्षण के स्थान पर प्रौद्योगिकी के साथ-साथ आज के परिवेश पर अधारित शिक्षण देने की आवश्यकता महसूस की जा रही है। इस अवसर पर विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी प्रवीणलाल कुडेम ने कहा कि शिक्षक पूरी ईमानदारी एवं बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिये कार्य करें। कलेक्टर महोदय की मंशा के अनुसार शाला त्यागी एवं अप्रवेशी बच्चों को शाला से जोडने वाले अभियान स्कूल वेंडे वार्राट (स्कूल फिर चले अभियान) का अधिक से अधिक प्रसार-प्रसार करने को कहा। प्रशिक्षण मास्टर ट्रेनर एसआरजी श्री कुजाम एवं केशव प्रसाद साहू डीआरजी सह मास्टर ट्रेनर हरीश उप्पल, चन्द्रशेखर अप्पाजी, के. जी यादगिरी, नीतेश साहू, लक्ष्मीनारायण बोड़दल, रविन्द्र वर्मा, चिम्मनलाल चन्देल, रविन्द्र मोरला, एवं विश्वनाथ बैगा के द्वारा दिया गया। समापन के अवसर पर मुख्य अतिथि श्री सुधाकर आनकारी बीईओ प्रवीणलाल कुडेम, विशेष अतिथि डीएव्ही के प्राचार्य पात्रा जी, एपीसी श्रीनिवास एटला बीआरसी शंकर यालम, मण्डल संयोजक नंदकुमार मारकोण्डा माडिया प्रतिनिधि इरशाद खान, समस्त संकुल समन्वयक एवं प्रशिक्षणार्थी उपस्थित रहे।

 

बच्चे सीखेंगे 21 वी सदी के कौशल

 

इस प्रशिक्षण में मुख्य आकर्षण का केंद्र नवाजतन कार्यक्रम रहा। जिसमें 21 वीं सदी के कौशल (6C) Critical Thinking, Creative Thinking, Collaboration, Communication, Compassion, Confidence को बच्चों में लाने पर विशेष जोर दिया गया है। एपीसी श्रीनिवास एट्ला ने बताया कि नवाजतन कार्यक्रम 07 बिंदुओं पर आधारित कार्यक्रम है। यदि इन सात बिंदुओ पर शिक्षक कार्य करेंगे तो निश्चित ही समस्त बच्चें शीघ्र ही सारे कौशलों को हासिल करेंगे। इससे समुदाय में आपसी सहयोग भी बढ़ने लगेगा। बच्चे स्वयं से सीखेंगे, मित्रों एवं समूह में सीखेंगे, प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर सीखेंगे। शिक्षक केवल मार्गदर्शक की भूमिका में रहेंगे। शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व बदलाव देखने को मिल सकता है।

gondwananews.com

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