कांग्रेस के विधायक देवेन्द्र यादव की गिरफ्तारी भाजपा की बौखलाहट, विपक्ष को बदनाम करने की साजिश
जगदलपुर| संभाग मुख्यालय राजीव भवन में प्रेसवार्ता का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता शहर कॉंग्रेस अध्यक्ष सुशील मौर्य द्वारा की गई।प्रेसवार्ता में शामिल बस्तर विधायक लखेश्वर बघेल ने देवेंद्र यादव की गिरफ्तारी को लेकर पत्रकारों को सम्बोधित करते हुएप्रदेश की भाजपा सरकार पर तंज कसते हुए कहा,भिलाई विधायक देवेन्द्र यादव बलौदाबाजार में न भाषण दिये और न ही कलेक्टर ऑफिस प्रदर्शन में शामिल हुये। वे भीड़ में पांच मिनिट रूक कर वापस आ गये थे। कही भी किसी हिंसक घटना में उनके संलिप्तता का कोई भी साक्ष्य नहीं और न ही वे किसी भी प्रकार की घटना में शामिल थे।पुलिस ने उनको गलत तरीके से गिरफ्तार किया है।
बघेल ने कहा,सरकार, पुलिस बताये किन भाजपा नेताओं को नोटिस दिया, पूछताछ की गयी। न्याय संगत कार्यवाही होनी चाहिये।भाजपा सरकार का चरित्र और व्यवहार 8 माह में ही अलोकतांत्रिक हो गया है।पत्रकारों को गलत तरीके से फंसाने उनकी गाड़ी में गांजा रखा जाता है। विपक्ष के विधायक को झूठे मुकदमे में फंसा कर गिरफ्तार किया गया।बलौदाबाजार के मामले में सतनामी समाज और कांग्रेस के लोगों को चिन्हांकित करके उनको जेलों में डाला गया। कांग्रेस भाजपा सरकार के इस आताताई चरित्र से डरने वाली नहीं। इस प्रकार के कृत्यों से हमारा कार्यकर्ता और मजबूती से सरकार के खिलाफ जनता की आवाज उठायेगा।बलौदाबाजार में हुई आगजनी की भयावह घटना शासन प्रशासन की बड़ी लापरवाही व सरकार की इंटेलीजेंट के फैल हो जाने के कारण हुई। समय रहते सरकार व प्रशासन सचेत हो जाता व समाज के द्वारा सीबीआई जांच की मांग को पूर्व में ही मान लेता तो प्रदेश को शर्मसार करने वाली घटना से बचा जा सकता था।
बघेल ने कहा इस पूरी घटना के लिये प्रदेश की भाजपा सरकार दोषी है। लचर कानून व्यवस्था और प्रशासन की निरंकुशता व लापरवाही से बलौदाबाजार में सतनामी समाज के आंदोलन में असामाजिक तत्वों की घुसपैठ हुई और इतनी बड़ी घटना को अंजाम दिया गया, जिसके लिए प्रदेश की भाजपा सरकार पूरी तरह दोषी है।साय सरकार की अकर्मण्यता के चलते ही बलौदाबाजार में कानून व्यवस्था बिगड़ी है। यदि समय रहते जैतखाम को क्षति पहुंचाने वालों पर कार्यवाही की गई होती और आहत समाज से संवाद किया गया होता तो ऐसी अप्रिय स्थिति निर्मित नहीं होती। धार्मिक भावनाएं आहत होने पर आंदोलित समाज को विश्वास में लिया गया होता तो ऐसे विध्वंसक प्रतिक्रिया नहीं होती।
बघेल ने कहा हमारी मांग है कि इस पूरे आंदोलन में भाजपा के जिलाध्यक्ष सनम जांगड़े सहित अन्य भाजपा नेताओं की भूमिका की जांच हो।
धरना प्रदर्शन को कलेक्टर से परमीशन दिलाने वाला कौन था? रैली में आने वाले हजारों लोगों के लिये भोजन, मंच, पंडाल, माईक के लिए रूपयों की व्यवस्था किसने किया?
इतनी बड़ी घटना के बाद भड़काऊ भाषण देने वाले की गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई? नागपुर से 250 से अधिक लोग आये थे वो कौन थे?
सरकार ने उन पर नजर क्यों नहीं रखा था? रैली की शुरूआत से ही उपद्रव शुरू हो गया था उसके बावजूद लोगों को कलेक्ट्रेट क्यों जाने दिया गया?
भीड़ को रोकने की कोशिश क्यों नहीं हुई? आम जनता के वाहन जलाये जा रहे थे, लोगों को दौड़ा कर पीटा जा रहा था तब पुलिस कहां थी?
एसपी किसके इशारे पर शांत बैठे हुये थे? घटना को रोकने के बजाय पलायन क्यों कर गये
इस प्रेसवार्ता के दौरान निगम अध्यक्ष कविता साहू, नेता प्रतिपक्ष उदयनाथ जेम्स,महामंत्री सुभाष गुलाटी,दिनेश सिंह यदु, प्रेमशंकर शुक्ला,महिला कॉंग्रेस अध्यक्ष लता निषाद,चंपा ठाकुर, जावेद खान,असीम सुता,नीलम कश्यप,शादाब अहमद, एस. नीला,मानसिंह कवासी,जितेंद्र तिवारी, तुलसीराम ठाकुर,हरदास बघेल,उस्मान रज़ा,एवं समस्त कार्यकर्त्तागण वरिष्ठगण उपस्थित रहें।