जगदलपुर। आज बस्तर जिला एनएसयूआई शहर/ग्रामीण अध्यक्षों विशाल खम्बारी व नीलम कश्यप के नेतृत्व में एनएसयूआई के पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं द्वारा बलौदाबाजार प्रकरण में भिलाई के लोकप्रिय विधायक देवेंद्र यादव की राजनैतिक द्वेषपूर्ण गिरफ्तारी को लेकर राज्यपाल के नाम जगदलपुर अपर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया।
ज्ञापन सौंपने के दौरान एनएसयूआई के शहर जिलाध्यक्ष विशाल खम्बारी ने कहा,हम भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन छत्तीसगढ़ के सभी विद्यार्थी आपका ध्यान आकृष्ट करते हैं कि गत दिवस अमर गुफा में सतनामी समाज के पूज्य जैतखाम को काटा जाना अत्यंत ही शर्मनाक घटना थी जिसके चलते पूरे सतनामी समाज की भावनाओ को ठेस पहुंची जिसपर की गई पुलिस की कार्यवाही से भी समाज संतुष्ट नहीं हुआ उसके बावजूद मामले को दबाने का कुत्सित प्रयास प्रशासन द्वारा किया गया जोकि निंदनीय है।जिसके चलते पूरे सतनामी समाज की भावनाओ को ठेस पहुंचा। दिनांक 10 जून 2024 को सतनामी समाज द्वारा धरना प्रदर्शन एवं कलेक्टर कार्यालय घेराव किया गया जहां आगजनी जैसी भयावह घटना घटी जिससे आम जन सहित सरकारी संपत्तियों का भारी नुकसान देखने को मिला। उसके बजाय पुलिस निर्दोष सतनामी समाज के युवाओं और कांग्रेस से जुड़े पदाधिकारियों को गिरफ्तार करने में जुट गई। वहीं घटना के दूसरे दिन प्रदेश के तीन मंत्री प्रेसवार्ता लेकर कांग्रेस से जुड़े नेताओं पर आरोप लगाए गए जोकि सरकार और प्रशासन के क्रियाकलाप पर प्रश्न खड़े करता है।बीते दिनों हमारे छात्र संगठन एनएसयूआई के एवं युवा कांग्रेस के जिला अध्यक्ष को भी इसी तरह राजनीतिक द्वेष से गिरफ्तार किया गया।जिसके बाद उनके परिजनों को पुलिस द्वारा धमकाए जाने दबावपूर्वक बयान दर्ज करवाए जाने की शिकायतें भी सामने आने लगी।
ग्रामीण जिलाध्यक्ष एनएसयूआई नीलम कश्यप ने कहा,छत्तीसगढ़ के इतिहास में ऐसी शर्मनाक घटना नहीं घटी थी जब किसी चुने हुए जनप्रतिनिधि को टारगेट करते हुए उनके खिलाफ पुलिस प्रशासन द्वारा षड्यंत्र कर उन्हे फंसाया जाए जोकि भिलाई नगर के विधायक देवेन्द्र यादव की गिरफ्तारी के बाद पूरे प्रदेश ने देखा। जबकि पुलिस प्रशासन के पास ऐसे कोई भी ठोस सबूत नहीं जो विधायक देवेंद्र यादव को दोषी साबित करते हों। वहीं धारा 160 के तहत उन्हें बयान दर्ज कराने हेतु बलौदाबाजार थाना लाया गया और बलौदाबाजार आगजनी प्रकरण में आरोपी बनाकर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया जोकि पूर्णतः न्यायलयीन प्रक्रिया और पुलिस प्रोसिडिंग की धज्जियां उड़ाना है आज दिनांक तक देवेन्द्र यादव जी के परिजनों को एफआईआर की प्रति तक नहीं दी गई। जिससे यह साफ प्रतीत होता है कि प्रशासन अपनी नाकामी छिपाने इस पूरे प्रकरण को विपक्ष की ओर मोड़कर अपना पल्ला झाड़ना चाहती है जोकि निंदनीय है।छत्तीसगढ़ एक शांत प्रदेश है जहां इस तरह के षड्यंत्र करना शोभनीय नहीं है और प्रदेश के प्रशासनिक व्यवस्था पर एक कालिख के समान है। आपसे निवेदन है मामले को संज्ञान में लेते हुए हमारी उक्तलिखित मांगों को शीघ्र पूरा करें।
आपसे निवेदन है देवेंद्र यादव की तत्काल रिहाई होनी चाहिये साथ ही उक्त मामले में पुलिस प्रशासन को दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करनी चाहिए। हमारी मांगों को जल्द पूरा किया जाए अन्यथा हमारा छात्र संगठन उग्र आंदोलन को बाध्य होगा जिसकी पूरी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।
जिसमें मुख्य रूप से प्रदेश महासचिव मनोहर सेठिया, प्रवक्ता उस्मान रजा, प्रदेश सचिव शेख अयाज, विश्वविद्यालय अध्यक्ष पंकज केवट, आदर्श महाविद्यालय अध्यक्ष हंसू नाग,नगरनार ब्लॉकअध्यक्ष एडविन मार्क, जिला महासचिव शिव बघेल,जिला सचिव कुणाल पांडेय, अनफाज खान, खिरेंद्र यादव, समीर खान, बामन कोर्राम, मोटू राम, अनिल एवं अन्य उपस्थित थे