जिला प्रशासन के अधिकारियों ने विभिन्न आश्रम, स्कूल, छात्रावासों में पहुंचकर बच्चों का किया उत्साहवर्धन
शैक्षणिक संस्थाओं में न्यौता भोज का हुआ आयोजन
बीजापुर 26 जून 2024- छत्तीसगढ़ शासन के निर्देशानुसार आज जिले के समस्त स्कूल खुल गए है। नए सत्र का शुभारंभ के अवसर पर कलेक्टर अनुराग पाण्डेय के मार्गदर्शन में जिला स्तरीय अधिकारियों ने शाला प्रवेत्शोत्सव में भाग लेकर विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन किया। इस दौरान सभी स्कूलों में स्वादिष्ट एवं मीठा भोजन खिलाकर न्यौता भोज का भी आयोजन किया गया।
कलेक्टर अनुराग पाण्डेय ने अत्यंत सुदूर क्षेत्र गंगालूर के ग्राम पुसनार एवं ग्राम कांवड़गांव, ग्राम मुतवेंडी में पहुंचकर पुनः संचालित स्कूल के नव प्रवेशी विद्यार्थियों को शिक्षा के मुख्य धारा में जुड़कर मन लगाकर पढ़ाई करने अच्छी शिक्षा प्राप्त कर घर-परिवार, समाज एवं राष्ट्र का नाम रौशन करने के लिए प्रोत्साहित किया।
अज्ञानता के अंधकार को दूर करने शिक्षा के महत्व को बताया जीवन की बहुत सी समस्याओं का हल शिक्षा से संभव है। बीजापुर माओवादी प्रभावित जिला है जहां अन्य जिलों की तुलना में यहां के परिवेश में भिन्नता देखने को मिलती है। माओवादियों के दहशत से यहां के हजारों बच्चों शिक्षा से वंचित हो चुके हैं। शिक्षा के अभाव में माओवादियों द्वारा भोली-भाली आदिवासी ग्रामीणों को लगातार गुमराह किया जा रहा है। जिले के विकास में उत्कृष्ट शिक्षा का सर्वोपरि योगदान है। कांवड़गांव, मुतवेंडी, डुमरीपालनार जैसे अति सुदूर क्षेत्र के बंद पड़े 23 स्कूलों का आज फिर से संचालित किया जा रहा है। कलेक्टर श्री पाण्डेय ने स्कूल की घंटी बजाकर स्कूल शुभारंभ करते हुए कहा कि यह घंटी सकारात्मक ऊर्जा नई सोच और उम्मीद के साथ बच्चों की मुस्कान की वजह बनेगी और उनके भविष्य को नई दिशा देगी।
जिला प्रशासन द्वारा अभिनव पहल करते हुए 2005 से बंद पड़े स्कूलों का पुनः खोला गया वहीं बहुत से ऐसी संवेदनशील जगह जहां कभी स्कूल ही नहीं थे वहां भी स्कूल खोला जा रहा है। आज शाला प्रवेत्शात्सव को पूरे जिले में उत्साह और उमंग के रूप में मनाया गया कलेक्टर अनुराग पाण्डेय ने नवप्रवेशी बच्चों को शाला गणवेश, पुस्तक सहित आकर्षक उपहार प्रदान कर मुंह मीठा कराकर स्कूल प्रवेश कराया।
इसी तरह जिले के विभिन्न स्कूलों में जिला स्तरीय अधिकारी शाला प्रवेत्शोत्सव में शामिल होकर विद्यार्थियों का उत्सावर्धन किया। गुणवत्तायुक्त भोजन प्रदान करने के लिए निर्धारित की गई मीनू का पालन करने सुनिश्चित करने और गुणवत्तायुक्त भोजन प्रदाय करने के लिए जिला प्रशासन द्वारा कार्ययोजना बनाई गई जिसमें सभी बच्चों को पौष्टिक आहार मिले जिसमें उनकी शारिरिक और मानसिक विकास सुनश्चित हो।