पनीर की सब्जी बच्चों के लिए बना जहर, अब तक अस्पताल में कोई भी विभागीय जिम्मेदार मौजूद नहीं
बीजापुर। धनोरा माता रुक्मणि कन्या आश्रम में फूड प्वाइजनिंग का शिकार हुए 27 बच्चों को कल बीजापुर जिला अस्पताल में उपचार के लिए दाखिल कराया गया था वही आज संख्या 27 से बढ़कर 35 हो गई है, और 17 बच्चों की गंभीर स्थिति को देखते हुए आईसीयू में दाखिल कराया गया एक बच्ची की बिगड़ती स्थिति को देखते हुए सुबह जगदलपुर मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया था मासूम बच्ची ने बीच रास्ते में ही दम तोड़ दिया, विभागीय अधिकारी इतने बेखबर है कि इतनी बड़ी घटना होने के बावजूद भी अस्पताल क़ोई मौजूद नहीं हैं
धनोरा कन्या आश्रम के 27 बच्चों को कल फूड पॉइजनिंग के कारण जिला अस्पताल बीजापुर में दाखिल कराया गया था इनमें से 9 बच्चों की स्थिति को देखते हुए आईसीयू में शिफ्ट किया गया इस दौरान शिवानी तेल्लम 8 वर्षीय बच्ची का स्वास्थ्य बिगड़ता देख सुबह जगदलपुर मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर किया गया था मासूम बच्ची ने बीच रास्ते में ही दम तोड़ दिया। अभी भी आईसीयू में भर्ती बच्चो की हालत स्थिर नहीं है औऱ जिम्मेदार अभी तक बेखबर हैं
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आज सुबह अन्य 8 बच्चो को औऱ भर्ती किया गया हैं यानी प्वाइजनिंग से पीड़ित बच्चों की संख्या बढ़कर 35 हो गई है 17 मासूम को आईसीयू में उपचार के लिए दाखिल कराया गया। अस्पताल में भर्ती मौसमों से चर्चा करने पर बताया कि रविवार की शाम 4 बजे ही आश्रम के खानसामा ने बच्चों को खाने में केवल दाल – चाँवल पनीर की सब्ज़ी परोसा था इसके अलावा क़ोई अन्य व्यंजन नहीं दिये गये। लेकिन सवाल यह उठता हैं क्या एक्सपायरी डेट वाली पनीर की सब्ज़ी बच्चों को खिलाई गई हैं? जो बच्चो के लिए जहर बन गया,आखिर इतनी बड़ी संख्या में एक साथ सभी बच्चे फूड प्वाइजनिंग का शिकार कैसे हो गये, ऐसे हो भी सकता हैं क्योंकि कई बार आदिवासी आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित आश्रमों में खानपान की अव्यवस्थाओं पर स्थानीय नागरिक एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा शिकायतें की जा चुकी है। मगर भी विभागीय आलाधिकारी अपनी कर्तव्यों से मुंह फेर लेते हैं इनकी इन लापरवाहियों का नतीजा सामने हैं और बच्चों की जान जोखिम में हैं।