पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक की पत्रवार्ता, कहा – कांग्रेस लाख अराजकता फैला ले, कानून के हाथ कांग्रेसी अपराधियों को शिकंजे में लेंगे
मान. उच्च न्यायालय के निर्णय ने तात्कालिक कांग्रेस सरकार द्वारा किये गये घोटालों की फिर खोली कलई – धरमलाल कौशिक
जगदलपुर। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष व भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक ने कहा कि पूर्ववर्ती भूपेश बघेल सरकार ने छत्तीसगढ़ के गरीबों का धन लूटने का रिकॉर्ड कायम किया है। जब जब सबूत सामने आए करवाई हुई, तब तब भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों की संरक्षक बनकर कांग्रेस सामने आती रही है। कल तो इन्होंने जांच एजेंसी के खिलाफ प्रदर्शन किया है और दावा किया है कि इनकी सरकार आने के बाद जांच एजेंसियों की भी जांच कराएंगे। इसके उलट मान .उच्च न्यायालय का जो निर्णय आया है वो फिर से एक बड़ा प्रमाण दे रहा है कि छत्तीसगढ़ में किस प्रकार कांग्रेस के शासन में लूट मची हुई थी, संगठित रूप से भ्रष्टाचार को अंजाम दिया गया। जगदलपुर प्रवास पर आये पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने शुक्रवार को भाजपा जिला कार्यालय में आहूत पत्रवार्ता में कांग्रेस पर जमकर हमला बोला।
कौशिक ने पत्रवार्ता में कहा कि शराब घोटाले पर पिछले दिनों आए माननीय उच्च न्यायालय, बिलासपुर के एक महत्वपूर्ण फैसले में कांग्रेस की तात्कालीन सरकार द्वारा किए घोटाले की कलई एक बार और खोल दी है। इस फ़ैसले से भाजपा द्वारा इन अपराधियों के विरुद्ध लगाए गए सभी आरोपों की एक बार फिर से पुष्टि हुई है। बिलासपुर उच्च न्यायालय में दायर याचिकाओं में छह याचिकाएं ईडी के खिलाफ, जबकि सात याचिकाएं ईओडब्ल्यू व एसीबी के खिलाफ दायर की गई थी।याचिकाओं में दो हजार करोड़ रुपये के शराब घोटाला मामले में ईडी की पुनः की जा रही कार्यवाही और ईओडब्ल्यू व एसीबी की ओर से दर्ज एफआइआर को चुनौती देते हुए उन्हें ख़ारिज करने की मांग की थी।
धरमलाल कौशिक ने कहा कि माननीय कोर्ट ने अनवर ढेबर, अनिल टुटेजा, यश टुटेजा, अरूणपति समेत अन्य आरोपियों द्वारा जांच एजेंसियों के खिलाफ दायर कुल 13 याचिकाओं को एक साथ ख़ारिज कर दिया है।
अपने आदेश में माननीय उच्च न्यायालय ने स्पष्ट तौर पर यह कहा है कि एक संगठित अपराध की तरह इस घोटाले को अंजाम दिया जा रहा था, ऐसा लग रहा है। माननीय न्यायालय ने ईडी, एसीबी, ईओडब्लू आदि की जांच आदि के काम में किसी भी तरह की अनियमितता के तमाम आरोपों को ख़ारिज कर दिया है, इससे यह एक बार फिर यह साबित हुआ है कि कांग्रेस अपने अपराधों को छिपाने के लिए लगातार एजेंसियों पर हमलावर थी। माननीय न्यायालय ने साफ-साफ यह कहा है कि ईडी, ईओडबलू और एसीबी ने अपने-अपने कार्यक्षेत्र के अनुसार ही अलग-अलग कारवाईयाँ की है इस पर। अभियुक्तों द्वारा लगाए सभी आरोपों को ख़ारिज करते हुए, एफआइआर/ईसीआइआर रद्द करने के सभी माँगों को कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया है।
धरमलाल कौशिक ने कहा कि सवाल केवल शराब घोटाले का ही नहीं है, इसी तरह कोयला घोटाले से लेकर हाल के बलौदाबाजर उपद्रव तक जिसमें आरोपी कांग्रेस विधायक की जमानत याचिका भी खारिज करते हुए देवेंद्र यादव को सात दिन के रिमांड पर भेज दिया गया है। इससे पहले तात्कालीन मुख्यमंत्री की करीबी अफ़सर सौम्या चौरसिया पर तो सर्वोच्च अदालत ने ज़मानत मांगने पर उल्टे एक लाख रुपया का जुर्माना भी लगा दिया था।
इससे अधिक पुख़्ता और क्या-क्या साक्ष्य चाहिए यह साबित करने के लिए कि कांग्रेस की तात्कालीन सरकार ने अपने सिपहसालरों के माध्यम से जम कर न केवल छत्तीसगढ़ को लूटा बल्कि पूरी कांग्रेस सरकार एक अंडरवर्ल्ड और माफिया जैसा चल रही थी। एक मोटे आकलन के अनुसार पचास हज़ार करोड़ से अधिक का घोटाला अपने पांच सालों के शासन में कांग्रेस ने किया। इसका सरग़ना निस्संदेह मुख्यमंत्री भूपेश बघेल थे, जिन्हें एजेंसियों ने पोलिटिकल मास्टर’ कहा है।
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कौशिक ने कहा कि प्रदेश की जनता के संसाधनों को लूट कर दस जनपथ का एटीएम बन जाने की सजा कांग्रेस को अवश्य मिलेगी, कोई भी हथकंडा कांग्रेसी अपराधियों को बचा नहीं सकती है। कांग्रेस लाख अराजकता फैला ले, किंतु क़ानून के हाथ इनके शिकंजे तक पहुँचे बिना नहीं रहेगी।
कौशिक ने कहा जनता को न्याय दिलाने, उनके संसाधनों को लूटने वालों को जेल के सीखचों के पीछे पहुँचने से जॉर्ज सोरोस या राहुल गांधी समेत दुनिया को कोई ताक़त उन्हें रोक नहीं सकती।
पत्रवार्ता में प्रमुख रूप से भाजपा जिला अध्यक्ष रूपसिंह मण्डावी, बस्तर सांसद महेश कश्यप, पूर्व सांसद दिनेश कश्यप, पूर्व विधायक डा. सुभाऊ कश्यप, बैदूराम कश्यप, संतोष बाफना, विद्याशरण तिवारी, रामाश्रय सिंह, वेदप्रकाश पाण्डेय, संजय पाण्डेय, नरसिंह राव, राजेन्द्र बाजपेयी, आलोक अवस्थी, प्रकाश रावल उपस्थित थे।