रक्षक बनी बक्षक,बीजापुर शराब दुकान में नाबालिकों को बेच रहे ब्लैक में शराब 

ग्राहकों का कुतर रहे जेब, एमआरपी से अधिक क़ीमत वसूल रही रक्षक कंपनी

बीजापुरत्यौहार में बढ़ा दी गई शराब की क़ीमत, 200 वाली शराब की बोतल दुकान के एजेंट ग्राहकों को 230 क़ीमत में देखकर ब्लैक में बेच रहा है, शायद शराब दुकान में बैठे एजेंटों की यह मनमानी आबकारी अधिकारियों को बड़ा रास आ रहा है। जबकी सरकार नें प्रिंट रेट से अधिक दामों में नहीं बेचने औऱ पर व्यक्ति को केवल एक बोतल या अधिकतम तीन लीटर शराब ही बेचने का सख्त फरमान है मगर आबकारी नियमों को ताक में रखकर झोला भर शराब बेच रहे है

गौरतलब है की विष्णु देव साय सरकार के आने के बाद प्रदेश में संचालित शराब दुकानों में बिक्री होने वाली शराब बोतलों में हॉलमार्क लगाने का फरमान जारी किया है ताकि शासकीय दुकानों से शराब की बोतल खरीदने वाले ग्राहकों को शराब की क्वालिटी और उसकी कीमत की जानकारी आसानी से लग सके, मगर बीजापुर जिले में संचालित शराब दुकानों में ठेके लिए दिल्ली की रक्षक कंपनी के कर्मचारी अपनी मनमानी करने में आमद है जो दीपावली पर्व के आते ही शराब की कीमतों पर इजाफा कर दिया है, शराब की दुकान में शराब की खरीदारी करने आए हुए ग्राहकों से ₹200 एमआरपी रेट से ₹230 यानि 30 रुपये अधिक ले रहे है, खुले तौर पर बढ़ाई गई शराब की कीमतों पर जिले की आबकारी अधिकारी भी मौन, यह मालूम हो कि शराब की कीमत बढ़ने का फरमान राज्य शासन का नहीं बल्कि तुगलकी फरमान बीजापुर जिले में शराब बेचने का ठेका ली हुई रक्षक कम्पनी नें जारी किया है, जो ग्राहकों से अतिरिक्त शुल्क लेकर अपना टर्नओवर बढ़ाने में लगी है यानि सरकार के खजाने में सीधे तौर पर सेंधमारी आबकारी अधिकारियों के नाक के नीचे किया जा रहा है इस मनमानी वसूली से मदिरा प्रेमी भी खासा परेशान है, क़ीमत से अधिक पैसे वसूलने की लूट पहले से मची है। मानो जैसे आबाकरी विभाग नें खुद छूट दे रहा है

यह ज्ञात हो की राज्य शासन नें किसी भी शासकीय दुकान में शराब अधिक क़ीमत पर बेचते हुए पाये जाने पर तत्काल कर्मचारी को बर्खास्त करने का फरमान जारी किया, वही बेचने का ठेका ली हुई कंपनी का ठेका निरस्त करने का निर्देश है। किन्तु बीजापुर में शराब दुकान का संचालन कर रही रक्षक कंपनी से जिला आबकारी अधिकारियो का चोली-दामन का साथ है, इसलिए ठेकेदार औऱ दुकान में बैठें उसके कर्मचारियों को कार्रवाई का कोई भय नहीं है। क्योकि की पहले भी एमआरपी से अधिक दाम एवं ब्लैक में शराब बेचने वालों का धड़ल्ले से सप्लाई किये जाने का मामला उजागर हो चुका है जिनपर कार्रवाई नहीं होना कई सवाल खड़ा करता है। शराब दुकान में ग्राहकों से मनमानी क़ीमत वसूलनें के संदर्भ में जानकारी लेने जिला आबकारी सहायक आयुक्त को फोन से सम्पर्क साधा गया किंतु उन्होने फोन नहीं उठाया।

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सरकारी शराब दुकान में आबकारी एक्ट नियमों को भी ताक में रखा जा रहा है, प्रति बोतल के एवज में अतिरिक्त पैसा कमाने की इतनी लालच भरी हुई है की दुकान के कर्मचारियो को कतार में खड़े नाबालिक बच्चों के हाँथ में भी शराब की बोतले थमाई जा रही है वह भी एक दो नही बल्कि 30 से अधिक बोतल दे दिया।

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