निगम का घेराव कर नेता प्रतिपक्ष के आरक्षित कक्ष,भ्र्ष्ट महापौर व निगम आयुक्त के खिलाफ जंगी प्रदर्शन
जगदलपुर। बस्तर जिला कॉंग्रेस कमेटी व समस्त कॉंग्रेस पार्षदों के द्वारा नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष हेतु आरक्षित कक्ष को लेकर,भ्र्ष्टाचार में लिप्त महापौर, जनहित के मुद्दों, शहर में हो रहे जलभराव व कॉंग्रेस पार्षदों के साथ निगम आयुक्त के दोहरे बरताव को लेकर आज कॉंग्रेसियो ने नगर निगम में तालाबंदी कर निगम घेराव कर विरोध प्रदर्शन किया
विरोध प्रदर्शन की शुरुआत करते हुए शहर कॉंग्रेस अध्यक्ष सुशील मौर्य ने आरोप लगाते हुए कहा,जगदलपुर नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष उदयनाथ जेम्स के लिए नगर निगम कार्यालय में अलग से कक्ष देने की मांग को लेकर नगर निगम आयुक्त व महापौर के विरुद्ध नगर निगम परिसर में समस्त कांग्रेस पार्षदो ने लगातार धरना प्रदर्शन भी किया। नगर निगम जगदलपुर में आयुक्त की मनमानी व बीजेपी में शामिल महापौर द्वारा लगातार कांग्रेसी पार्षदों के साथ भेदभाव का सिलसिला जारी है। वहीं नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष को अलग से कक्ष देने हेतु निगम आयुक्त व महापौर का कोई जवाब नहीं मिल रहा है। जबकि नेता प्रतिपक्ष चुनने के पश्चात अतिरिक्त कक्ष देना निगम की जवाबदेही बनती है और निगम आयुक्त व महापौर का भेदभाव साफ दर्शाता है कि इन्हें कांग्रेस के पार्षदों से कोई मतलब नहीं है। कुल मिलाकर भेदभाव की राजनीति की जा रही है
सुशील मौर्य ने आगे कहा,निगम में पिछले नौ साल से कांग्रेस सत्ता में थी। नेता प्रतिपक्ष भाजपा का था। नगर निगम भवन में नेता प्रतिपक्ष के लिए चिन्हित कक्ष को भी आवंटित किया गया था। भाजपा ने कांग्रेस पार्षद दल में तोड़फोड़ कर महापौर सहित आधा दर्जन लोगों को अपनी पार्टी में मिलाकर सत्ता हथिया ली।सत्ता हाथ में आते ही भाजपा तानाशाही पर उतर आई है। कांग्रेस पार्षद दल के नेता ,नेता प्रतिपक्ष को नेता प्रतिपक्ष के लिए चिन्हित कक्ष आवंटित नहीं करके दूसरा कक्ष दिया गया है। यह गलत परंपरा की शुरूआत है।
सुशील मौर्य ने महापौर पर तंज कसते हुए कहा, प्रदेश की सबसे भ्रष्ट महापौर सफिरा साहू है. इसके साथ ही यह भी आरोप लगाया है कि महापौर निधि में किए गए करोड़ों रूपये के भ्रष्टाचार की फाइल खुलने के डर से सफिरा साहू ने बीजेपी का दामन थाम लिया. वहीं बीजेपी में एंट्री करने के बाद अब इस फाइल की जांच के लिए चुनाव से पहले हल्ला बोल रहे बीजेपी के नेताओ व पार्षदो ने भी अपना मुंह बंद कर लिया है.साथ ही कॉंग्रेस पार्टी महापौर फाइल की जांच की मांग भी करती है आज इन्ही सभी महत्वपूर्ण मुद्दों को लेकर कॉंग्रेस पार्टी द्वारा यह विरोध प्रदर्शन किया गया है
वही पूर्व विधायक रेखचन्द जैन ने नगर निगम पर तंज कसते शहर में जलभराव को लेकर कहा,शहर में एक घंटे की बारिश ने ही नगर निगम की बरसात से पूर्व की तैयारियों की पोल खोल कर रख दी है। पिछले दो माह से नालों की न ही सफाई हुई है जिसके कारण ड्रेनेज सिस्टम फेल हो चुका हैं।लोगों के घरों और दुकानों में पानी भर गया जिससे जनजीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त हो गया कई व्यापारियों को बड़ा नुकसान हुआ।पहली बारिश में ही शहर के कई इलाकों में पानी भर रहा है। बाजारों में और दुकानों तक में पानी पहुंच रहा है। इधर, शहर के नालों की सफाई अभी तक पूरी नहीं हो सकी है। लेकिन निगम प्रशासन व सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही है।कुल मिलाकर जनहित के मुद्दों पर निगम प्रशासन पूरी तरह नाकाम साबित हो रही है
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कई बार इसको लेकर मेयर से बातचीत भी की गई, इसके बावजूद भी वह अपनी मनमानी कर रही थी. खुद बीजेपी के पार्षदों ने मेयर फंड में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे और उनकी फाइल की जांच की मांग नगर निगम के आयुक्त से की थी.उसके बाद इस मामले में सभी ने चुप्पी साध ली और अब यह फाइल कहां है? इसकी किसी को भी जानकारी नहीं है. पोल खुलने के डर से सफिरा साहू बीजेपी में शामिल हो गईं ताकि भ्रष्टाचार की फाइल हमेशा के लिए बंद हो जाए.महापौर निधि जनता का पैसा है. यह फ़ाइल जरूर खुलनी चाहिए और उनकी भ्रष्टाचार की सच्चाई सामने आनी चाहिए. इसके अलावा महापौर सफिरा साहू के साथ वरिष्ठ नेता यशवर्धन राव और अन्य 4 पार्षदों के कांग्रेस पार्टी छोड़ने से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है. मेयर समेत इन पार्षदों के बीजेपी में शामिल होने से खुद भाजपाई इसका विरोध कर रहे हैं.
इस दौरान जिलाध्यक्ष सुशील मौर्य, पूर्व विधायक रेखचंद जैन,नेता प्रतिपक्ष उदयनाथ जेम्स, वरिष्ठ कॉंग्रेसी अंगद प्रसाद त्रिपाठी, हनुमान द्विवेदी,बाबा जमील,समस्त कॉंग्रेस पार्षदगण,युवा कांग्रेस, एनएसयूआई के अध्यक्ष व कार्यकर्ता, सेवादल, महिला कॉंग्रेस के पदाधिकारी सहित विभिन्न प्रकोष्ठ के अध्यक्षगण,सोशल मीडिया के प्रशिक्षित प्रभारी आदि मौजूद रहे.