बच्चे तनाव के चलते शतप्रतिशत अपनी क्षमता का उपयोग नहीं कर पाते -श्रीमती आशा संतोष, सदस्य यादव बाल सरंक्षण आयोग
बीजापुर में मनाया गया परीक्षा पर्व 6.0
बीजापुर 13 फरवरी 2024- शिक्षा हर बच्चे का अधिकार है इसलिए हमारा लगातार यही प्रयास रहा है कि अगर बच्चा स्कूल तक नहीं पहुँच पा रहा है तो स्कूल को बच्चे की पहुँच तक पहुँचाया जाए, इस प्रयास में बहुत हद तक हम सफल हुए हैं आज पहुँच विहीन क्षेत्रों तक में स्कूल व शैक्षणिक सामग्रियां बच्चों तक आसानी से पहुँच रही हैं, बच्चों को बेहतर शिक्षा व सुरक्षा मिल सके इसके लिए हम सब प्रतिबद्ध हैं उक्त बातें जिलाशिक्षा अधिकारी बीआर बघेल ने “परीक्षा पर्व 6.0” के अंतर्गत आयोजित कार्यक्रम में कही।
बीजापुर जिले में विगत दिनों राज्य बाल सरंक्षण आयोग छत्तीसगढ़ की सदस्य श्रीमती आशा संतोष यादव की उपस्थित में “परीक्षा पर्व 6.0” के अंतर्गत बाल सरंक्षण अधिनियम व परीक्षा पूर्व तैयारियों को लेकर पालकों व शिक्षकों की एक महत्वपूर्ण कार्यशाला डाइट बीजापुर में आयोजित की गई जिसमें बाल सरंक्षण आयोग की सदस्य श्रीमती आशा संतोष यादव ने पालकों एवं शिक्षकों से बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य व उनकी सुरक्षा को लेकर चर्चा की। श्रीमती यादव ने कहा कि परीक्षा पूर्व बच्चे तनाव के चलते शतप्रतिशत अपनी क्षमता का उपयोग नहीं कर पाते, इसलिए यह बेहद जरूरी है कि बच्चों के मन से परीक्षा को लेकर जो डर है उसे दूर किया जाए। श्रीमती यादव ने बाल सरंक्षण से सम्बंधित कई महत्वपूर्ण बातों से पालकों तथा शिक्षकों को अवगत करवाया।
डाइट प्रभारी प्राचार्य श्रीमती सरिता दुब्बा ने बच्चों के मौलिक अधिकारों की बात करते हुए कहा कि बेहतर परिणाम के लिए बच्चों का मानसिक व शारिरिक विकास बेहद आवश्यक है इस पर पालकों को ध्यान देने की आवश्यकता है।विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी डालेन्द्र देवांगन ने प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी जी की लिखित किताब “एग्जाम वारियर्स” पर बात करते हुए कहा कि शिक्षक शाला परिसर में बच्चों को इस तरह तैयार करें कि बच्चों के भीतर आत्मविश्वास हो, परीक्षा का सामना डर कर नहीं बल्कि सहज तरीके से करने की क्षमता का विकास हो। विकास खण्ड स्त्रोत समन्वय बीजापुर कामेश्वर दुब्बा ने पालकों को बताया कि परीक्षा को भी एक पर्व की तरह मनाएं, बच्चों के साथ मिलकर पढ़ने, सीखने, गुनने का माहौल बनाएं ताकि बच्चे तनाव रहित माहौल में भरपूर ऊर्जा के साथ परीक्षा में शामिल हो सकें व बेहतर परिणाम ला सकें।
“परीक्षा पर्व 6.0″ की तर्ज पर आयोजित इस एक दिवसीय कार्यशाला में पालकों ने भी भरपूर सहयोग करए हुए अपनी बात रखी तथा खुद की भूमिका व बच्चों की मनोदशा पर खुलकर प्रश्न भी किया। उक्त कार्यक्रम में महिला बाल विकास बीजापुर के कर्मचारियों व अधिकारियों की भूमिका महत्वपूर्ण थी राहुल कौशिक जिला बाल सरंक्षण अधिकारी महिला बाल विकास बीजापुर, सुश्री आनंदमयी मलिक विधि सह परिवीक्षा अधिकारी महिला बाल विकास बीजापुर ने विभागीय योजनाओं की जानकारी शिक्षकों व पालकों को दी।