संसाधनों और रेस्क्यू तकनीकों का हुआ समग्र प्रदर्शन
बीजापुर 25 सितम्बर 2025- राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ¼NDMA½ के दिशा-निर्देशों के तहत भैरमगढ़ ब्लॉक के मंगलनार घाट के पास इंद्रावती नदी पर बाढ़ आपदा से निपटने हेतु एक विस्तृत मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य संभावित बाढ़ आपदा की स्थिति में जिला प्रशासन और संबंधित विभागों की तत्परता का परीक्षण करना और जनता को जागरूक करना था। मॉक ड्रिल की शुरुआत दो नागरिकों के बाढ़ में फंसे होने की सूचना के साथ हुई, जिसके पश्चात जिला प्रशासन, आपदा प्रबंधन दल एवं नगर सेना ने तत्काल रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। फंसे हुए व्यक्तियों को हेलिकॉप्टर की सहायता से सुरक्षित बाहर निकाला गया। इसके अलावा, शंखनी नदी पर बांगापाल के समीप पुल टूटने की काल्पनिक स्थिति का भी अभ्यास किया गया, जिसमें तेजी से राहत एवं पुनर्वास कार्य किए गए।
बाढ़ राहत के लिए अत्याधुनिक संसाधनों का उपयोग- इस मॉक ड्रिल में मोटर बोट, लाइफ जैकेट, रस्सियाँ और अन्य बचाव उपकरणों का प्रभावी उपयोग कर बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुँचाया गया। राहत दलों द्वारा जलमग्न क्षेत्रों में मोटर बोट के माध्यम से पहुंच बनाकर स्थानीय नागरिकों की मदद की गई। राहत कार्यों के दौरान एंबुलेंस की त्वरित उपलब्धता सुनिश्चित की गई और प्राथमिक उपचार के लिए प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा CPR (कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन) जैसी जीवन रक्षक तकनीकों का प्रदर्शन किया गया। स्वास्थ्य जांच और पेयजल की व्यवस्था- राहत शिविरों में अस्थायी मेडिकल कैंप लगाए गए, जहाँ प्रभावितों की स्वास्थ्य जांच की गई और जरूरतमंदों को आवश्यक दवाइयां उपलब्ध कराई गईं। साथ ही, जल स्रोतों का परीक्षण कर शुद्ध पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था की गई ताकि संक्रमण की आशंका को रोका जा सके।
राहत शिविरों में समुचित व्यवस्था- प्रभावित लोगों के लिए राहत शिविरों में भोजन, पेयजल, स्वास्थ्य सुविधा, और रहने की समुचित व्यवस्था की गई। महिला, बुजुर्ग और बच्चों की विशेष देखभाल हेतु समर्पित टीमों की तैनाती की गई। पशुओं के लिए भी अस्थायी आश्रय और चिकित्सा की व्यवस्था की गई। विभागों का समन्वय और जागरूकता अभियान- इस अभ्यास में पुलिस, नगर सेना, स्वास्थ्य विभाग, राजस्व विभाग, पशु चिकित्सा, स्वयंसेवी संगठन, पटवारी, कोटवार सहित सभी आवश्यक विभागों की समन्वित भागीदारी रही। बाढ़ से पूर्व, दौरान और बाद में की जाने वाली तैयारियों का अभ्यास एक योजनाबद्ध और व्यवस्थित तरीके से किया गया।
संयुक्त कलेक्टर जागेश्वर कौशल ने बताया यह मॉक ड्रिल आपदा प्रबंधन की दृष्टि से जिले के लिए एक महत्वपूर्ण अभ्यास साबित हुआ, जिससे न केवल विभागीय तैयारी की समीक्षा की गई बल्कि आम जनता को भी बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदा के प्रति सजग रहने का संदेश मिला।
इस अवसर पर एडिशन एसपी चंद्रकांत गवर्ना, एडिशन एसपी यूलंडन यार्क, इंसिडेंट कमांडर विकास सर्वे डिप्टी कलेक्टर एवं प्रभारी अधिकारी आपदा प्रबंधन आदित्य कुंजाम, डिप्टी कलेक्टर दिलीप उइके, कमांडेन्ट जिला सेनानी पीबी सिदार, तहसीलदार सूर्यकांत घरत, सीईओ जनपद पंचायत, बीएमओ सहित आपदा प्रबंधन से जुड़े सभी अमला मौजूद थे