सबसे पहले लोकसभा पहुँचने वाले आदिवासी सांसद मुचाकी कोसा और विधानसभा में आदिवासी समाज का प्रतिनिधित्व करने वाले रामा कोंदा भी अनपढ़ ही थे
बीजापुर / भोपालपटनम। 6 बार के कोंटा विधायक एवं कांग्रेस के कद्दावर नेता कावासी लखमा को भाजपा के नेता अनपढ़ और कॉमेडियन कहते फिर रहे हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता के खिलाफ किस प्रकार की बयान बाजी के खिलाफ में जिला पंचायत सदस्य बसंत ताटी ने कहा भाजपा लखमा का नहीं बल्कि उन्हें चुनकर विधानसभा भेजने वाले जनता जनार्दन का अपमान कर रही है।
बीजापुर जिला पंचायत सदस्य बसंत राव ताटी ने आज प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि भाजपा के बयान से यह सिद्ध हो रहा है भाजपा दलितों और आदिवासियों की हितचिंतक नहीं, बल्कि तथाकथित अभिजात्य वर्ग की पार्टी है।भाजपा नेताओं का यह बयान उनकी पार्टी के असली चरित्र और दूषित मानसिकता को उजागर करता है। कॉमेडी तो भाजपा नेता कर रहे हैं।वे जिस समुदाय के प्रतिनिधि को ‘अनपढ़’ बताकर अपमानित कर रहे हैं,उसी समुदाय से वोट भी माँग रहे हैं।
बसंत ताटी ने इतिहास को रेखांकित करते हुए कहा कि भाजपा नेता शायद यह भूल गये हैं कि बस्तर लोकसभा क्षेत्र से सबसे पहले लोकसभा पहुँचने वाले आदिवासी सांसद मुचाकी कोसा और विधानसभा में आदिवासी समाज का प्रतिनिधित्व करने वाले रामा कोंदा भी अनपढ़ ही थे।उनके प्रतिनिधित्व से आदिवासी समाज का सम्मान कम नहीं हुआ था,बल्कि उन्होंने अपने समुदाय को गौरवान्वित किया था।
जिला पंचायत सदस्य बसंत ताटी ने कहा संविधान ने भारत के पढ़े-लिखे और अनपढ़ – सभी नागरिकों को जनप्रतिनिधित्व का समान अधिकार दिया है अन्यथा अनपढ़ लोगों को चुनाव लड़ने का अवसर ही नहीं मिलता।ऐसे में भाजपा नेताओं का यह बयान भारत के संविधान का भी अपमान करता है।
बस्तर लोकसभा क्षेत्र के कांग्रेस प्रत्याशी कवासी लखमा अपने समुदाय से जीवंत संपर्क,आत्मीय व्यवहार और जायज मदद के लिये तत्पर रहने वाले स्वभाव के कारण ही क्षेत्र में ‘दादी’ जैसे सम्मानजनक संबोधन से लोकप्रिय हैं।इस आत्मीय संबोधन से नवाजने वाले आदिवासी समुदाय का सम्मान लखमा ने किस प्रकार कम किया होगा? यह सोचने वाली बात है।लखमा दादी का ठेठ आदिवासी लहजा ही उन्हें समुदाय के लोगों से जोड़कर रखता है। यह सूत्र जिस दिन बाकी नेताओं की समझ में आ जायेगा,जनता से उनकी दूरी समाप्त हो जायेगी।इस खासियत के लिये हमें लखमा दादी की तारीफ करनी चाहिये।
बसंत ताटी ने कांग्रेस प्रत्याशी कवासी लखमा की लोकप्रियता और प्रतिष्ठा को धूमिल करने के उद्देश्य से आपत्तिजनक बयान देने वाले भाजपा नेताओं से कहा कि बीजापुर में आयोजित प्रेसवार्ता में अपने पढ़े-लिखे होने के अहंकार को प्रदर्शित करते हुए लखमा के बहाने आदिवासी समुदाय को सार्वजनिक रूप से अपमानित करने वाले अपने आदिवासी विरोधी बयान के लिये भाजपा के संबंधित नेताओं को समस्त आदिवासी समाज और उसके सच्चे प्रतिनिधि कवासी लखमा से माफी माँगनी चाहिए।