नियम के विरुद्ध जाकर अधीक्षिका ने बिना दाखिला के क्यों रखा था पोटो केबिन में बच्ची को
बीजापुर। बालिका छात्रावास पोटा केबिन में देर रात आग लग गई, हादसे में एक मासूम बच्ची की जलकर मौत हो गई, 308 छात्राओं को पोटा केबिन के कर्मचारियों ने गांव वालों के साथ रेस्क्यू कर बाहर निकाला,शॉर्ट सर्किट की वजह से आगजनी की घटना होने की संभावना जताई जा रही है।
आवापल्ली ब्लॉक के चिंताकुंटा में संचालित 500 सीटों का बालिका छात्रावास पोटो केबिन में देर रात 1:30 बजे अचानक आग लग गई, इस दौरान सभी बच्चे गहरी नींद में सो रहे थे,आग की लपटों को देखते हुए पोटा केबिन स्टाफ ने गांव वालों को मदद के लिए आवाज लगाई, आग की उठती हुई लपटों को बुझाने ग्रामीणों ने काफी प्रयास किया लेकिन आग पर काबू नहीं पाया जा सका और फायर ब्रिगेड को सूचना दी गई जब तक फायर ब्रिगेड दमकल मौके पर पहुंचता तब तक सब कुछ चल कर खाक हो चुका था किसी तरह भीषण आग में फंसे 308 बच्चों को रेस्क्यू कर बाहर निकाला गया, वही एक चार साल की मासूम लिप्शा की जलकर दर्दनाक मौत हो गई। बताया जा रहा है मृतिका गहरी नींद में सोई हुई थी उसे बाहर निकलते उससे पहले आग की ऊंची लपटें हैं चारो तरफ फ़ैल चुकी थी जिला प्रशासन द्वारा मृतका के परिवार को तत्काल 25 हजार सहायता राशि प्रदान की है वही 4 लाख रुपय मुआवजा राशि देने की भी घोषणा की है
पोटा केबिन में लगी आगजनी की घटना एवं एक मासूम की मौत की खबर लगते ही बीजापुर कलेक्टर अनुराग पांडेय सुबह घटनास्थल पहुंचकर मुआयना किया, मौके पर मौजूद डीसी, संकुल समनायक, पोटो केबिन अधीक्षिका को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
5 सौ सीटों वाला संचालित बालिका पोटा केबिनेट में छात्राओं की दर्ज संख्या 459 है घटना के दौरान 308 बच्चियां मौजूद रही, जबकि शासकीय नियम अनुसार 6 वर्ष से कम आयु के बच्चों को स्कूल एवं आश्रम में दाखिला लेना सख्त मना ही है ऐसे में 4 वर्ष की मासूम को पोटा केबिन में रखना अधिक्षिका की लापरवाही साबित कर रहा है जिम्मेदार अपनी गलतियों पर पर्दा डालने तरह-तरह की सफाई पेश कर रहे हैं जिनका कहना है बच्ची पोटा केबिन में रहकर अपनी बुआ के साथ पढ़ना चाहती थी फिर भी यह नियम के विरुद्ध है।
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कोटा के दिन में आग लगने की सूचना मिलते 2:15 के मुझे मिली मैं एपीसी विजेंदर राठौर,ईपीसी एबी राठौर के साथ रात के 3:00 घटनास्थल पर पहुंचा, जिस बच्चे की मौत हो गई है वो 3 दिन पहले पोटा केबिन में बुआ के साथ पढ़ने की जिद्द कर रही थी तो उसके माता -पिता छोड़कर चले गये थे और आज लेंने आने वाले थे,जिन बच्चो का दखला हुआ है उन्हें ही रखना है अधिक्षिका को उसे नहीं रखना चाहिए था उनके खिलाफ विभागीय नोटिस जारी किया जायेगा।
बलिराम भगत
जिला शिक्षा अधिकारी बीजापुर
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5 सौ सीटों का पोटा केबिनेट है वर्तमान में 459 दर्ज संख्या है हादसे के दौरान 308 बच्चे ही थे, जिन्हे गांव वालों की मदद से बाहर निकाला गया,बच्चे जहां सोये हुए थे उसके बाजू वाला कमरा ऑफिस है जहां विद्युत मीटर बोर्ड लगा हुआ है घटना शॉर्ट सर्किट की वजह से होने की आशंका है।
वेंकटेश्वर तोकल
बीआरसी आवापल्ली