स्थानीय बोलियों को शिक्षा का माध्यम बनाने के लिए हल्बी, भतरी, गोंडी में कक्षा पहली एवं दूसरी की अध्ययन सामग्री तैयार – कलेक्टर विजय दयाराम के.
नव प्रवेशी बच्चों का तिलक, पुष्पहार, स्कूल बैग और किताबें देकर किया स्वागत
जिला स्तरीय शाला प्रवेशोत्सव का आयोजन ग्राम साड़गुड़ के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में
जगदलपुर। शैक्षणिक सत्र 2024-25 के तहत बुधवार को जिले के सभी स्कूलों का शिक्षा सत्र प्रारंभ हुआ, जिला स्तरीय शाला प्रवेशोत्सव का आयोजन जगदलपुर विकासखंड के ग्राम साड़गुड़ के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय परिसर में जगदलपुर विधायक किरण देव की मुख्य आतिथ्य में किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विधायक श्री देव ने शाला प्रवेशोत्सव की बधाई देते हुए कहा कि सभी बच्चे खूब पढ़े, आगे बढ़े, सुशिक्षित बनकर नौकरी या अच्छा व्यवसाय करें और देश-प्रदेश, जिले के विकास में अपना योगदान दें। उन्होंने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल सरकार की प्राथमिकता वाले विषय है, इन पर कई कल्याणकारी योजनाओं का संचालन किया जा रहा है, इनका लाभ लें। कार्यक्रम में देव ने साड़गुड़ स्कूल परिसर में सायकल स्टैंड बनाने की भी घोषणा की। कार्यक्रम में अतिथियों द्वारा कक्षा पहली, छठवीं और नवमीं के नव प्रवेशी बच्चों का तिलक, पुष्पहार, स्कूल बैग और किताबें देकर स्वागत किया गया। इसके अलावा कार्यक्रम में वार्षिक शैक्षणिक कैलेंडर 2024-25 का विमोचन और परीक्षाओं में बेहतर प्रदर्शन करने वाले विधार्थियों को सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर विधायक चित्रकोट विनायक गोयल ने स्थानीय हल्बी बोली में सम्बोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार शिक्षा प्रदान करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है,गणवेश,पाठ्य पुस्तक,मध्यान्ह भोजन इत्यादि के माध्यम से बच्चों को पढ़ाई करने प्रोत्साहित किया जा रहा है। उन्होंने बच्चों के माता-पिता और पालकों से प्रत्येक बच्चे को स्कूल अवश्य भेजने का आग्रह किया। वहीं बच्चों को पढ़ाई के लिए प्रेरित करते हुए उन्हें अपने गांव-क्षेत्र का नाम रौशन करने की समझाइश दी।
कार्यक्रम में कलेक्टर विजय दयाराम के. ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार वर्ष 2024-25 के नए शिक्षा सत्र का पुनः प्रारंभ किया जा रहा है। बस्तर विविध बोलियों एवं संस्कृति से समृद्ध क्षेत्र है। यहां के स्थानीय बोलियों को शिक्षा का माध्यम बनाने के लिए नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के आधार पर मातृभाषा में शिक्षण हेतु हल्बी, भतरी, गोंडी में कक्षा पहली एवं दूसरी की अध्ययन सामग्री तैयार किया गया है। जिले में 08 पी.एम.श्री विद्यालय सर्व सुविधाओं के साथ संचालित है, इस वर्ष 06 विद्यालयों का प्रस्ताव भी शासन को प्रेषित किया गया है। जिलें में हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी विद्यालयों के अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के परीक्षा परिणाम को बेहतर बनाने के लिए आधुनिक शैक्षणिक तकनीकी माध्यमों से ऑनलाइन पाठ्यक्रम अनुसार पढ़ाई की सुविधा करने के प्रयत्न किया जा रहा है। इसके लिये विषयवार विशेषकर भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, गणित एवं अंग्रेजी के पाठ रिकार्डिंग मोड में तैयार कर विद्यालय एवं छात्रों को उपलब्ध कराये जायेंगे ताकि विद्यार्थी गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा अर्जित कर सके।
कलेक्टर ने बताया कि प्राथमिक एवं माध्यमिक स्तर की शिक्षा को बेहतर बनाने के लिये एवं समयबद्ध लक्ष्य प्राप्ति हेतु शिक्षकों के लिये अकादमिक, प्रशासनिक कैलेण्डर निर्मित कर शालाओं को दिया जा रहा है जो मॉनिटरिंग में भी मदद करेगा। जिले के विद्यालयों में विभिन्न कारणों से शाला त्यागी बच्चों को पुनः शिक्षा से जोड़ने के लिये रणनीति तैयार कर कार्य प्रारंभ किया है। इस वर्ष भी कक्षा पहली में प्रवेश लेने वाले सभी 7072 छात्र- छात्राओं को जाति प्रमाण पत्र जारी करने का लक्ष्य है। आंगनबाड़ी के बच्चों को आमचो चिन्हारी योजना के तहत गत वर्ष 23 हजार बच्चों को जाति प्रमाण पत्र जारी किया गया है शेष को जल्द जारी किया जाएगा। साथ ही जिलें में 290 बालवाड़ी केन्द्र संचालित है, इस वर्ष 160 नवीन बालवाड़ी केन्द्र शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस शिक्षा सत्र में बस्तर जिले में शिक्षा को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने के साथ ही नये आयामों को प्राप्त करने में सफल होंगें। कार्यक्रम के उपरांत अतिथियों ने पौधारोपण किया और स्कूल में आयोजित न्यौता भोजन में बच्चों के साथ दोपहर का भोजन किया। इस अवसर पर गणमान्य जनप्रतिनिधि, क्षेत्र के जिला एवं जनपद पंचायत सदस्य, सरपंच,सीईओ जिला पंचायत प्रकाश सर्वे, एसडीएम भरत कौशिक, जिला शिक्षा अधिकारी बीआर बघेल, शिक्षा विभाग जनपद पंचायत के अन्य अधिकारी सहित बड़ी संख्या में शाला प्रवेशी स्कूली बच्चे और उनके पालक उपस्थित रहे।