चिकित्सा शिविर एवं उपचार के ढकोसले दावे स्वास्थ्य विभाग के जमीनी स्तर पर फेल
बीजापुर। आवापल्ली ब्लॉक के नेन्ड्रा ग्राम के हर घर में एक बच्चा बुखार की गिरफ्त में हैं बेखबर स्वास्थ्य अमला ने एक मासूम की मौत के बाद भी अब तक प्रभावित गाँव में स्वास्थ्य शिविर नहीं लगाया हैं औऱ न ही पीड़ितों को अस्पताल लाने की व्यवस्था की हैं पालक अपने पीड़ित बच्चो का इलाज कराने पैदल आवापल्ली प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुँच रहे हैं।
नेन्ड्रा गांव में इन दिनों बुखार का प्रकोप फैला हुआ हैं जहां प्रत्येक घर में हर एक बच्चा बुखार की गिरफ्त में हैं जिसे जापानी बुखार के होने का दावा तो नहीं किया जा सकता किंतु इस बुखार के परिणाम गंभीर हैं क्योकि बीते दिनों इसी बुखार से ग्रस्त एक मासूम आदिवासी बच्चे की सही समय पर इलाज नहीं मिलने पर मौत हो गई थी। इसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार सीएमएचओ, बीएमओ अपनी आँखे मूंद रखे हैं बुखार से प्रभावित गांव नेन्ड्रा में अबतक स्वास्थ्य शिविर नहीं लगाया गया हैं। आदिवासी ग्रामीण बुखार से पीड़ित अपने मासूम बच्चो का इलाज कराने एक डेढ़ घंटे पैदल चलकर इलाज कराने नेन्ड्रा से आवापल्ली प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंच रहे हैं
आवापल्ली प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में अपनी 2 वर्षीय बच्ची को लेकर इलाज कराने पहुंची महिला ने बताया पिछले एक सप्ताह से बुखार हैं डॉक्टर के परामर्श के बाद दवा-गोली खिलाया जा रहा हैं मगर बुखार आराम नहीं हैं गांव की एक बच्चे की मौत से डर का माहौल हैं क्योकि की उपचार सही तरहा से नहीं मिल पा रहा हैं।
इसी गांव से आये हुए लखमा ने बताया उसके बेटे पांडू को भी कई दिनों से बुखार हैं, इलाज कर रहे हैं दवाई इंजेक्शन लगाने के बाद एक घंटे में बुखार उतरा रहता हैं मगर उसके बाद फिर बच्चे का शरीर गर्म हो जाता हैं गांव के हर घर में छोटे बच्चे बुखार से पीड़ित हैं। कई बच्चे बुखार के साथ उल्टी दस्त से ग्रस्त हैं।