कलेक्टर के आदेश के बाद ही जांच करने का सीएम एचओ नें दिया हवाला
बीजापुर। आरएमएस पोटा केबिन में पढ़ने वाली छात्रा नें कमरे में दुपट्टा से फंदा लगाकर कर खुद ख़ुशी कर ली, परिजनों नें पोटा केबिन अधीक्षिका पर लापरवाही का आरोप लगाया हैं। तीन सदस्य टीम मामले की जांच करेगी।
नैमेड में संचालित आरएमएस कन्या आवासीय विद्यालय ( पोटा केबिन ) में रहकर पढ़ नें वाली छात्रा पिंकी कुरसम पिता भीमा कोरसम उम्र 18 वर्ष नें अपने दुपट्टा से फंदा बनाकर आत्महत्या कर ली, मिली जानकारी के अनुसार शाम 6 बजे सभी बच्चे प्रार्थना में गये हुए थे, प्रार्थना होने के बाद अन्य सहेली खाना खाने के लिए बुलाने आई तो छात्रा कमरे में नहीं थी,जिसे ढूंढ़ते हुए बाजू वाले कमरे की खिड़की खोलकर देखा छात्रा फंदे में झूलती दिखाई दी, हड़बड़ा कर आश्रम के चपरासियो कोई जानकारी दी, चपरासियों ने छात्रा को अन्य छात्राओं की मदद से तत्काल फंदे से उतारा ,घटना की जानकारी मिलने के बाद अधीक्षिका शान्ति कुडियम आश्रम पहुंची औऱ उपचार के लिए जिला अस्पताल लेकर आई जहां डॉक्टरो नें मेडिकल जांच के बाद मृत घोषित कर दिया।
मृतक छात्रा के पिता भीमा कुरसम औऱ जीजा गोपाल नें छात्रावास अधीक्षिका शान्ति कुड़ियम पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि अधीक्षिका आश्रम में कभी मौजूद रहती ही नहीं हैं बच्चे कई बार इस बात को बता चुके हैं जिस दौरान घटना हुई तब भी अधीक्षिका आश्रम में मौजूद नहीं थी, खबर देने के बाद पहुंची, प्रार्थना में गणना के दौरान कमरों की मॉनिटरिंग की गईं होती तो शायद बच्ची यह कदम नहीं उठाती, उपचार के लिए नैमेंड प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र क्यों नहीं लेकर गई , मृतक छात्रा की रूममेट से पूछने पर बताया की फंदे से उतारने के बाद उसकी सांस चल रही थी, अगर तत्कार उपचार मिलता तो शायद उसकी जान बच सकती थी। अधीक्षिका अस्पताल में भी हमसे बात तक नहीं करी, पिंकी के साथ रहने रूम में रहने वाली उसकी सहेली हमें कुछ बता रही थी जिसे बुलाकर अपने साथ ले गईं, मृतक छात्रा के पिता नें कहा हमारी बेटी पढ़ने लिखने में काफी होशियार और काफी शांत स्वाभाव की थी, कुछ ऐसी बीमारी भी नहीं थी की उससे डिप्रेशन में जाकर आत्माहत्या कर ली, आश्रम में ही कुछ उसके साथ अप्रिय मामला हुआ होगा, जिसे वह सहन नहीं कर पाई और आत्महत्या करने क़दम उठाली
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जिला अस्पताल में उपचार की लचर सुविधा कब सुधरेंगी पता नहीं, आपात स्थिति में देखने डॉक्टर तक मौजूद नहीं रहते औऱ कर्मचारी सीधे डॉक्टर नहीं होने की बात कहकर खामोश हो जाते हैं, ख़ासकर यह समस्या छुट्टियों के दिनों में होता हैं और आज भी वही हुआ जब छात्रा को अस्पताल लाया गया तब एक भी डॉक्टर मौजूद नहीं थे, जिला शिक्षा अधिकारी लखन लाल धनेलीया नें सीएमएचओ डॉ.बुधराम पुजारी को फोन पर संपर्क किया औऱ यथा स्तिथि से अवगत कराते हुए तत्काल छात्रा की जांच करने कहा तो उन्होने सीधे तौर पर जांच करने से इंकार कर दिया सीएमएचओ का कहना था कलेक्टर के आदेश के बाद ही जांच की जायेगी। __________________________________________
छात्रा के खुदकुशी करने का कारण अभी मालूम नहीं हुआ हैं इस घटना की जांच के लिए एसडीएम, बीएमओ औऱ डीएमसी की तीन सदस्य टीम बनाई गईं हैं, जांच रिपोर्ट आने के बाद ही छात्रा की आत्महत्या करने की वजह मालूम होगी
लखन लाल धनेलीया
जिला शिक्षाधिकारी
बीजापुर