नगर निगम में कांग्रेस के सत्ता से बाहर होने पर स्वत: भंग हो चुकी है एमआईसी
कांग्रेस की हरकत हास्यास्पद, पूर्व एमआईसी सदस्यों की इस्तीफा देने की नई नौटंकी रची जा रही
लगातार नौ साल नगर निगम में सत्तासीन रहने वाली कांग्रेस शहर की मूलभूत व्यवस्थायें बिगाड़ने का आरोप भाजपा पर मढ़ने से बाज आये
जगदलपुर। विधानसभा और लोकसभा चुनाव में बुरी तरह हार चुकी कांग्रेस अब जनता का ध्यान आकर्षित करने के लिये नगर निगम में कांग्रेस के पूर्व एमआईसी सदस्यों का सामूहिक इस्तीफा देने का नया ड्रामा कर रही हैं। महापौर सहित कांग्रेस के 6 पार्षदों के भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के बाद नगर निगम में कांग्रेस अल्पमत में आकर सत्ता से बाहर हो चुकी है और ऐसे में मेयर इन कौंसिल भी स्वत: भंग हो चुकी है। निगम में भाजपा के सत्तासीन होने के बाद अब नई एमआईसी का गठन किया जाना शेष है, जो चुनावी आचार संहिता की वजह से अभी तक लंबित रहा। भाजपा के मोतीलाल नेहरू वार्ड पार्षद व जिला मीडिया प्रभारी आलोक अवस्थी ने कहा कि कांग्रेस की यह हरकत हास्यास्पद व सोचनीय है। कांग्रेस के पूर्व एमआईसी सदस्य पद में भी नहीं है और इस्तीफा देने की स्क्रिप्ट लिख कर नौटंकी रची जा रही है।
आलोक अवस्थी ने कहा कि कांग्रेस दावा कर रही है कि नगर निगम की शहर की आमजनता से जुड़ी सभी व्यवस्थायें बेपटरी और ध्वस्त हो गयी है। यहाँ बड़ा सवाल यह है कि पिछले नौ साल से अधिक समय से नगरनिगम में कांग्रेस सत्ता में थी, तो क्या कांग्रेस के नेतागण व पार्षद यह स्वीकार रहे हैं कि निगम की सभी व्यवस्थाओं को बिगाड़ने में उनका हाथ था और निगम के कामकाज को ख़राब करने की पूर्ण ज़िम्मेदार कांग्रेस ही है।
भाजपा पार्षद आलोक अवस्थी ने कहा कि कांग्रेस को देश में, प्रदेश में और शहर की जनता ने भी नकार दिया है। हालिया लोकसभा चुनाव में शहर की जनता ने कांग्रेस को उनकी करनी का आईना दिखाया है और करीब 19000 मतों से भाजपा को अग्रणी रखा है। 6 माह पूर्व विधानसभा चुनाव में भी करारी हार कांग्रेस को मिली। वर्तमान में छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का सुशासन है। भाजपा प्रदेशअध्यक्ष व विधायक जगदलपुर किरण देव के नेतृत्व में क्षेत्र के विकास व जनहित के काम तेज हुये हैं, जो निरंतर मूर्तरूप पा रहे हैं। कांग्रेस व उनके नेता ड्रामा व नौंटकी करना छोड़ कर जनता व शहर हित के काम में रूचि दिखायें, तभी उनका कुछ भला हो सकता है।