कागजों में ही है उपचार का सारा बखान, जमीनी स्तर पर मरीजों को दवा तक उपलब्ध नहीं
बीजापुर । आवापल्ली ब्लॉक में स्वास्थ्य सुविधाएं हो चुकी बेलगाम, लाखों खर्चकर बनाए गये प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में ताले लटक रहे है, स्थानीय लोगों का कहना है केवल मंत्री या अधिकारी के आने पर दिखावे के लिए खोला जाता है।
राज्य शासन द्वारा बीजापुर जिले के ढाई लाख नागरिकों को उपचार की बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत ग्रामीण इलाकों में 5 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवं 13 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण किया है लेकिन स्वास्थ्य विभाग अधिकारियो के उदासीनता के कारण स्वास्थ्य सेवाएं दम तोड़ रही है, लाखों रुपये खर्च कर बनाये गये प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में भारी भरकम ताला लटक रहा है औऱ मरीज बार बैठकर स्वास्थ्य केंद्र खुलने का इंतजार कर रहे है।
स्वदेश की टीम ने आज आवापल्ली, उसूर इल्मिड़ी, मुर्दोण्डा, तिमापुर, बासागुड़ा, लिंगागिरी, सहित दर्जन भर ग्रामीण क्षेत्र में बने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं उप स्वास्थ्य केंद्रों का भ्रमण किया, इस दौरान सभी स्वास्थ्य केंद्रों में ताला लटक रहे थे। उपचार करने आया हुआ मरीज रमेश मड़काम ने बताया कि दो दिनों से तेज बुखार है सुबह 7:00 से मुर्दोण्डा स्वास्थ्य केंद्र में बैठकर स्वास्थ्य केंद्र खुलने का इंतजार कर रहा है दोपहर के 12 बज रहे है अब तक स्वास्थ्य केंद्र नहीं खुला है, एक अन्य महिला ने कहा कभी कभी स्वास्थ्य केंद्र खुलता लेकिन डॉक्टर नहीं बैठते है नर्स या अन्य कर्मचारी दवा – गोली देते है।
स्वास्थ्य केंद्र की चंद कदमों की दूरी पर एक दुकान पर बैठे स्थानीय नागरिकों से स्वास्थ्य केंद्र के खुलने का समय पूछने पर कहा कि गांव में केवल दिखावे के लिए स्वास्थ्य केंद्र खोला गया है कब खुलता है कब बंद होता है इसकी कोई समय सीमा नहीं है। कुछ ऐसा ही मंजर बासागुड़ा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में देखा गया है यानी मरीजों का इलाज भगवान भरोसे है। इन अव्यवस्थाओं को देखकर ऐसा लगता है जैसे ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर (बीएमओ) को इससे कोई सरोकार नहीं है और ना ही सीएमएचओ अपनी जिम्मेदारियां को समझ पा रहे हैं।