सिकलसेल जैसे बीमारियों से स्वयं जागरूक होकर अन्य लोगों को जागरूक करें,ताकि समुदाय के सभी जन रहें स्वस्थ- कलेक्टर श्री विजय दयाराम के.
जगदलपुर। विश्व सिकल सेल दिवस पर श्यामाप्रसाद सभागार (टाउनहाल) में आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बस्तर सांसद महेश कश्यप ने कहा कि सिकलसेल बीमारी को आमजन सिकलिन के नाम से जानते है। हर बीमारी से बचाव के लिए सावधानी-नियंत्रण जरुरी है, आधुनिक युग में विज्ञान ने बहुत तरक्की की है वैज्ञानिकों ने सभी बीमारियों की दवाई इजात कर ली है। बीमारियों से बचाव और दवाइयों के संबंध जागरूकता की कमी से कईयों की जान चली गई, गांवों में बीमारियों के लिए जागरूकता की कमी से क्षेत्र के ग्रामीण बैना, गुनिया से इलाज करवाते है या अज्ञानता से स्वयं गोली खाकर ठीक होने का प्रयास करते हैं,जो सही नहीं है। सरकार ने स्वास्थ्य सेवा केंद्र के माध्यम से सभी को निःशुल्क स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करवाई है इसका उपयोग करने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि देश के नागरिको की रोग प्रतिरोधी क्षमता अधिक है। फिर भी आज के समय में जागरूकता की कमी,खानपान, रहन-सहन से भी बीमारी को बढ़ावा मिलता है। सिकलसेल जैसे बीमारी पर नियंत्रण कर क्षेत्र, प्रदेश के विकास पर सभी सहभागी बने।
कलेक्टर विजय दयाराम के. ने कहा कि जिले में टीबी मुक्त, मोतियाबिंद मुक्त, मलेरिया मुक्त, डेंगू मुक्त अभियान चलाकर कर आम जनों को बीमारियों के प्रति जागरूकता फैलाने का प्रयास किया जाता रहा है इसका लाभ जिले वसियों को हुआ है। इसी प्रकार सिकलसेल के प्रति लोंगो को जागरूक किया जा सकता है।सिकलसेल आनुवंशिक बीमारी है जागरूकता की कमी के कारण बीमारी को बढ़ावा मिला है। बीमारी के बचाव हेतु शादी के पूर्व खून की जांच ज़रूर करवाएं। जांच में सिकलसेल के लक्षण मिले तो दवाइयों का सेवन नियमित करें और बीच बीच में खून की कमी की जांच करवाएं। आज विश्व सिकलसेल दिवस में जिले के सातों ब्लाक में सिकलसेल दिवस मनाया जा रहा है। विगत तीन वर्ष में मिले लक्ष्य 5.50 लाख में से लगभग चार लाख का स्वास्थ्य जांचकर उपचार किया जा रहा है।इस प्रकार की बीमारियों से स्वयं जागरूक होकर अन्य लोगों को जागरूक करें,ताकि समुदाय के सभी जन स्वस्थ रहें।
कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष वेदवती कश्यप, उपाध्यक्ष मनीराम, महापौर साफिरा साहू, जिला पंचायत सीईओ श्री प्रकाश सर्वे, नगर निगम आयुक्त हरेश मंडावी, सीएमएचओ डॉ चतुर्वेदी, सिविल सर्जन डॉ प्रसाद, सहायक आयुक्त शोरी, डीईओ भारती प्रधान सहित स्वास्थ्य विभाग आदिवासी विकास विभाग के अधिकारी उपस्थित थे। कार्यक्रम में सिकल सेल से पीड़ित बच्चे की माता शकीला सिंह ने बताया कि बच्चे की तबियत खराब होने पर अस्पताल में प्राथमिक जांच के उपरांत सिकलसेल की बीमारी की जानकारी मिली, हम दोनों पालक को छोटा सिकलसेल है। हम इस बीमारी के प्रति हम दोनों जागरूक नहीं थे। सभी से निवेदन इस बीमारी के प्रति जागरूक हो,शादी के पूर्व जरूर सिकलसेल की जांच करवाएं। सिकल से पीड़ित बच्ची की माता सोनमती बघेल ने भी अपने अनुभव को साझा किए। रेशम विभाग के अधिकारी अनिल कुमार सोम ने अपने अनुभव को साझा करते हुए नियंत्रण के लिए बताया कि स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होकर नियमित समय पर भोजन, समय पर दवाईयां का सेवन, कसरत, प्रति माह स्वास्थ्य जांच करवाएं के साथ ही ज्यादा पानी का सेवन करें। कार्यक्रम में अतिथियों ने हितग्राहियों को सिकलसेल कार्ड का वितरण किए।इसके अलावा परिसर में स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्वास्थ्य जाँच के लिए स्टॉल लगाया गया था जिसमें अतिथियों ने अपना स्वास्थ्य जाँच करवाया। साथ ही सिकलसेल जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किए।
ज्ञात हो हर साल 19 जून को विश्व सिकल सेल दिवस के रूप में अंतरराष्ट्रीय जागरूकता दिवस मनाया जाता है ताकि वैश्विक जनता को सिकल सेल रोग के बारे में सचेत किया जा सके।भारत में सिकल सेल रोग का बोझ दुनिया में दूसरे नंबर पर है