कोटेशन तथा टेंडर के जरिये करोड़ों रुपए की खरीदारी की जाने वाली गोली दवाइयां कहां फ़ेंकी जा रहीं हैं

बीजापुर । जिला एवं मातृत्व शिशु अस्पताल में भर्ती गर्भवती एवं नवजात शिशुओं को जन्म देने वाली महिलाओ के लिए मुकम्मल दवाइयाँ उपलब्ध नहीं हैं। डॉक्टर अधिकांश दवाइयां निजी मेडिकल स्टोर से खरीदने की सलाह दे रहे हैं। यहां तक की गर्भवती महिलाओं को दी जाने वाली आयरन की गोलियाँ भी कई महीनों से नहीं हैं। फिर सिविल सर्जन डॉ. रत्ना रामटेके कौनसी दवा गोलियां सीजी एमएससी और निजी मेडिकल फार्म से कोटेशन तथा टेंडर के माध्यम से मंगा रही हैं ?

बीजापुर जिला एवं मातृत्व शिशु अस्पताल में उपचार की अव्यवस्थाएं चरम पर हैं मानो जिम्मेदारों ने भ्रष्टाचार की खाई खोद रखा है जहां से जब चाहे अपनी मन मानी जेब भर सके,सिविल सर्जन डॉ.रत्ना राम टेके से लेकर कोटेशन में दवाइयों की खरीदारी करने वाला एकाउंटेंट, स्टोर इंचार्ज, अस्पताल में दवाई खरीद के नाम पर कागजो में भ्रष्टाचार की इबारत लिख-लिख कर लाल हो गये हैं कोटेशन के आधार पर तथा टेंडर के जरिये निजी फर्मो से करोड़ो रुपय की दवाइयां ख़रीद रहे हैं, मगर दवाईयां अस्पताल तक नहीं पहुंच रहीं हैं ऐसे में सवाल यह उठता हैं की फिर दवाइयों जा कहां रहीं हैं यहाँ तक की मातृत्व शिशु अस्पताल में पिछले कई महीनो से आयरन की गोली तक उपलब्ध नहीं है जब दवाइ लेने अस्पताल के मेडिकल में जाने पर मौजूदा कर्मचारी निजी मेडिकल स्टोर से खरीदने की सलाह देकर चलता कर रहे हैं, जबकि जननी सुरक्षा योजना के तहत नियम अनुसार समस्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं जिला अस्पताल मातृत्व शिशु अस्पताल में गर्भवती महिलाओं की हेल्थ चेकअप के बाद अनिवार्य रूप से आयरन की गोलियां उपलब्ध कराने का सख्त फरमान है। मगर सिविल सर्जन अपनी लापरवाहियों से बाज़ नहीं आ रहीं हैं गर्भवती महिलाओं को आयरन की गोलियाँ खिलाना इसलिए ज़रूरी है क्योंकि गर्भावस्था के दौरान शरीर में खून की मात्रा बढ़ जाती है ऐसे में आयरन की आवश्यकता भी बढ़ जाती है, जिससे मां और बच्चे दोनों को पर्याप्त ऑक्सीजन की जरूरत होती हैं।
________________________________________________
गर्भावस्था के दौरान शरीर में पोषण सम्बन्धी आवश्यकताएं बढ़ जाती हैं, क्योंकि गर्भवती को न खुद के लिए बल्कि अपने पेट में पल रहे शिशु के लिए भी पोषण लेना होता है। इन आवश्यक न्यूट्रिसियन में से एक है आयरन, जिसे सही मात्रा में लेने की सलाह डॉक्टर द्वारा अक्सर दिया जाता हैं आयरन हीमोग्लोबिन बनाने में मदद करता है जिससे गर्भवती महिला का शरीर सुचारू ढंग से चल पाता है। गर्भावस्था के दौरान बच्चे के लिए अतिरिक्त रक्त (हीमोग्लोबिन) बनाने के लिए आयरन आवश्यक है। आयरन ऑक्सीजन को फेफड़ों से शरीर के बाकी हिस्सों तक ले जाने में मदद करता है।
_______________________________________________
पर्याप्त आयरन न मिल पाने से बहुत थकावट महसूस हो सकती है। आयरन की कमी से एनीमिया होने की संभावना बढ़ जाती हैं जिससे गर्भ में पल रहे बच्चे का विकास रुक सकता है, और समय से पहले भी डिलीवरी होने की संभावना बढ़ जाती है।
आयरन एक ऐसा मिनरल है जो गर्भवती महिला के इम्यून सिस्टम को मजबूत औऱ ऊर्जा के स्तर को बढ़ाता हैं साथ ही तनाव, संक्रमण और बीमारी से निपटने के लिए प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है। सामन्य अवस्था में एक महिला को प्रतिदिन लगभग 18 मिलीग्राम आयरन की आवश्यकता होती है। मगर गर्भावस्था में यह आवश्यकता 27 मिलीग्राम तक बढ़ जाती है।