
पुलिस दम्पत्ति का कौनसा राज जान गई थी, घर के आंगन में गद्दा खुद कर क्या दफनाया गया, मृतक के भाई ने लगाया आरोप
बीजापुर। माता-पिता को बहला फुसला कर पढ़ाई लिखाई करवाने, भरण पोषण का खर्च देने का लालच देकर पुलिस दंपति नाबालिग़ को घर लेकर आई, फिर बंधक बनाकर घर का सारा काम करवाते रहे, जिनकी प्रताड़ना से तंग आकर नाबालिक नें सप्ताह भर पहले आत्महत्या कर ली, मृतक के माता-पिता ने पुलिस दंपति पर हत्या कर फंदे में लटकाने का आरोप लगाया है।

मिली जानकारी के अनुसार, डारापारा में 13 दिन पहले डीआरजी में पदस्त पुलिसकर्मी सुभाष तिर्की के घर में एक आदिवासी नाबालिक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली, लेकिन इस घटना में मृतक युवति के भाई अजय कुड़ियमें नें बहन की हत्या करने का आरोप पुलिस दम्पत्ति पर लगाया है, जिसनें बताया वह अपनी बहन को भैरमगढ़ पढ़ना चाहता था और व कक्षा 8वी की छात्रा थी, एक दिन सुभाष तिर्की और उसकी पत्नी नीरजा तिर्की उसके घर आए और लड़की को बेहतर से बेहतर शिक्षा देने, भरण पोषण का सारा खर्च देने का आश्वासन देकर अपनें साथ ले गये, कुछ दिनों तो सब ठीक था एक दिन उसकी बहन ने रोते हुए फोन में बताया कि सुभाष तिर्की और नीरजा तिर्की बहुत बुरे इंसान है उसके साथ दुर्व्यवहार करते हैं, घर के पीछे में गड्ढा खोदकर कुछ दफनाया गया है, मैं घर आकर उनकी सब असलियत बताऊंगी, लेकिन दूसरे दिन है चांदनी की मौत हो गई, इस घटना की जानकारी भी हमें बहुत देर से दी, दोनों पति-पत्नी दुगोली घर आकर बताया कि चांदनी की मौत के बारे में किसी से कुछ नहीं बताने की बात कही और पैसा का ऑफर दिया।
अजय का कहना है मेरी बहन चांदनी पुलिस संपत्ति का कुछ राज जान चुकी थी उसे दबाने के लिए उसकी हत्या कर दी है और उसे आत्महत्या करार देने फंदे पर लटका दिया ताकि किसी को यह ना लगे की उसकी हत्या हुई है। इस मामले में शिकायत करने के बाद भी पुलिस प्रशासन अपनें कर्मचारी को बचाने की जुगत में लगा है।

